अयोध्या में बन रहे राम मंदीर की संपूर्ण जानकारी।। 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा की सम्पूर्ण जानकारी।
अयोध्या में भगवान राम के लिए बनने वाले भव्य मंदिर का निर्माण कार्य तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।अगस्त २०२० में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पावन मंदिर का भूमि पूजन किया था।
मंदिर के निर्माण में किन किन स्थापत्य कलाओं का प्रयोग किया जा रहा है?
– नागर, द्रविड़ और उत्कल की वास्तुकला।
राम मंदिर का निर्माण कितने एरिया में हो रहा है ? और इसकी ऊंचाई क्या है?
यह मंदिर लगभग 3.5 एकड़ ज़मीन पर बन रहा है, जिसकी ऊँचाई 161 फीट होगी।
भगवान राम की प्रतिमा बनाने में किस वास्तु का प्रयोग किया जा रहा है ?
मंदिर में भगवान राम की मूर्तियां स्वर्ण से निर्मित होंगी।
यह मंदिर अयोध्या और पूरे भारत के लिए एक ऐतिहासिक और भव्य धार्मिक स्थल के रूप में विकसित होगा।
प्राण प्रतिष्ठा वह कार्य है जो एक मूर्ति को देवता में बदल देता है, उसे प्रार्थना स्वीकार करने और वरदान देने की क्षमता देता है। इसके लिए प्रतिमा को विभिन्न चरणों से गुजरना होगा। यहां हम कुछ प्रमुख चरणों का वर्णन करते हैं। इसमें शामिल चरणों की संख्या समारोह के पैमाने पर निर्भर करेगी।
22 जनवरी 2024 को क्या है?
22 जनवरी 2024 को अयोध्या स्थित राम मंदिर में रामलला प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम के लिए प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, मुख्यमंत्री, राज्यपाल और दुनिया भर के अन्य गणमान्य व्यक्ति शहर में उपस्थित होंगे। पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा अभिषेक के बाद राम मंदिर भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा।
प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त कब है?
रामलला मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा मुहूर्त (Prana Pratishtha Muhurat) सनातन धर्म में कोई भी शुभ कार्य पंचांग के अनुसार, शुभ मुहूर्त देखकर ही किया जाता है। ऐसे में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 22 जनवरी 2024 पौस माह के द्वादशी तिथि को चुना गया है।
राम मंदिर के नीचे क्या है?
इसी को ध्यान में रखते हुए मंदिर के नीचे एक खास चट्टान का निर्माण भी किया गया है.अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा का उनके भक्तों को बेसब्री से इंतजार है. इस भव्य मंदिर को इस तरह बनाया जा रहा है कि दशकों तक इसे सहेजा जा सके.
राम मंदिर की मूर्ति कितनी बड़ी है?
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने मूर्ति को लेकर कहा कि भगवान श्री रामलला की जो मूर्ति बनी है, वह पांच वर्ष के बालक का स्वरूप है. मूर्ति 51 इंच की है, काले पत्थर की है, और बहुत ही आकर्षक बनी है. राम मंदिर के लिए तीन अलग अलग मूर्तिकारों ने बनाई हैं रामलला की प्रतिमा.
राम मंदिर में कितने द्वार हैं?
इसमें 14 स्वर्ण द्वार से राम मंदिर की शोभा में चार चांद लगाने की तैयारी भी शामिल है।
राम मंदिर के निर्माता कौन है?
राम मन्दिर, अयोध्या
वास्तुकार
सोमपुरा परिवार (चन्द्रकांत सोमपुरा निखिल सोमपुरा और अशीष सोमपुरा)
निर्माता
श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्रलार्सन एंड टूब्रो द्वारा निर्माण (सीबीआरआई, राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थानऔर आईआईटी द्वारा सहायता प्राप्त)
राम मंदिर की खुदाई में क्या क्या मिला?
इस दौरान खुदाई में 12 पिलर्स मिले थे.” केके मोहम्मद के मुताबिक, साल 2003 में विवादित परिसर में खुदाई के दौरान 90 से ज्यादा पिलर्स मिले थे. खुदाई के दौरान ही मंदिर से जुड़ी हुई करीब 216 से ज्यादा देराकोटा की मूर्तियां भी मिली थी. उन्होंने ये भी बताया कि विवादित परिसर में खुदाई के दौरान प्रणाला भी मिला।
अयोध्या को पहले अयुद्धा, कोसल नाम से भी जाना जाता था। सभ्य भारत की छठी शताब्दी में साकेत प्रमुख शहर था। बुद्ध काल में साकेत पर प्रसेनदी का शासन था, जिसकी राजधानी श्रावस्ती थी। गुप्त काल के दौरान साकेत का नाम बदलकर अयोध्या कर दिया गया।
दुनिया का सबसे बड़ा राम मंदिर कौन सा है?
विराट् रामायण मंदिर
अवस्थिति
चकिया – केसरिया
ज़िला
पूर्वी चम्पारण
देश
भारत
श्री राम का पूरा नाम क्या है?
राम नामक विष्णु अवतार को अन्य नामों से भी जाना जाता है। उन्हें रामचंद्र (सुंदर, प्यारा चंद्रमा), या दशरथी (दशरथ का पुत्र), या राघव (रघु के वंशज, हिंदू ब्रह्मांड विज्ञान में सौर वंश) कहा जाता है। उन्हें राम लला (राम का शिशु रूप) के नाम से भी जाना जाता है।
भगवान राम कितने वर्ष जीवित रहे?
हमारी हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार माना जाता है कि भगवान राम 11,000 वर्षों तक जीवित रहे थे। हालाँकि यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि हमारी हिंदू पौराणिक कथाएँ अक्सर समय की विशाल मात्रा को दर्शाने के लिए प्रतीकात्मक संख्याओं का उपयोग करती हैं, इसलिए भगवान राम के जीवन की वास्तविक अवधि अनिश्चित है।
अभी अयोध्या का राजा कौन है?
अयोध्या में राजवंश परिवार के मौजूदा राजा के रूप में विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र आज भी अयोध्या के लोगों के बीच राजा साहब के रूप में जाने जाते हैं. विमलेंद्र मिश्र अयोध्या रामायण मेला संरक्षक समिति के सदस्य और समाजसेवी हैं. मोदी सरकार ने उन्हें राम मंदिर का ट्रस्टी नियुक्त किया है.
राम के आखिरी वंशज कौन थे?
जयपुर राजघराना राम का वंशज है. जयपुर राजघराने की महारानी पद्मिनी और परिवार के लोग राम के पुत्र कुश के वंशज हैं. कुछ समय पहले महारानी पद्मिनी ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था कि उनके पति भवानी सिंह कुश के 307वें वंशज थे.