Tuesday, October 1

RAM MANDIR AYODHYA: मंदिर में लगने वाली 600 किलो वजन की घण्टी की क्या है खासियत..जाने..

RAM MANDIR में लगने वाली घण्टी:  TRENDINGNEWZZ

हाइलाइट्स

  • यूपी के जलेसर में किया गया राम मंदिर के लिए विशाल घंटी का निर्माण
  • घंटी को बजाने पर आएंगी ऊं की आवाज, इसकी विशेषता है बड़ी खास
  • प्रभु रामलला के दरबार में लगने वाली घंटी के निर्माण में लगे 400 कारीगर
  • विशाल घंटी को एक ही पीस में ढाला गया, इस कारण यह है नायाब नमूना

घण्टी
RAM MANDIR में लगने वाली घण्टी

मुख्य मंदिर में लगने वाली घण्टी की खासियतें कुछ इस प्रकार हैं:

  1. शिला न्यास: मंदिर निर्माण के शुरुआती चरण में एक शिला न्यास कार्यक्रम का आयोजन किया गया था और उसी समय इस घण्टी का भी निर्माण किया गया था। इससे घण्टी में एक विशेष स्थान और महत्व प्राप्त हुआ है।
  2. धातु और रचना: यह घण्टी स्वर्ण से बनी है और इसमें शिल्पकला का विशेष ध्यान दिया गया है। इसमें मंदिर के निर्माण में प्रमुख भूमिका निभाने वाले देवताओं की चित्रण किया गया है।यह सबसे बड़ा घंटा अस्टधातु से निर्मित है। बताया जा रहा है कि एक फैक्ट्री में 400 कर्मचारियों ने दिन- रात मेहनत करके इस विशाल घंटे को बनाया है। अब इस घंटे को जल्द ही मंदिर के अंदर लगाया जाएगा। उत्तर प्रदेश के जलेसर में बनाया गया ये घंटा बेहद नायाब और खास है।
  3. घण्टा का ध्वनि: इस घण्टी का ध्वनि मेलोदियस है और इसमें सांस्कृतिक भजनों का संगीत शामिल है। यह घण्टी नियमित अंतराल पर मंदिर में बजेगी और भक्तों को धार्मिक आनंद प्रदान करेगी। एक पीस में बना अब तक मंदिरों में लगने वाला ये सबसे बड़ी घंटी है। उन्होंने बताया कि ज्यादातर जो बड़े- बड़े घंटे होते हैं उनको दो टुकड़ों में ढाल कर फिर जोड़ कर बनाया जाता है। इस घंटे में कोई जोड़ नहीं है। यह एक ही पीस में ढाला गया है।घंटी निर्माण करने वाली कंपनी का कहना है कि जलेसर की मिट्टी बेहद खास है। इसलिए यहां घंटों का निर्माण किया जाता है। उन्होंने कहा कि घंटों के अंदर से जो ॐ की आवाज बजाने पर आती है वो जलेसर की मिट्टी की वजह से ही आती है।
  4. श्रीराम का नाम: घण्टी में बजने वाले ध्वनि के साथ-साथ, इसमें श्रीराम जी के नाम का जाप भी समाहित है। इससे भक्तों को भगवान राम की उपासना में और भी आनंद मिलेगा।
  5. घण्टी का वजन:राम मंदिर के भीतर लगने वाली घंटी ६०० किलो की है। इसकी बाहर से 15 फीट और अंदर से 5 फीट है। इसकी ऊंचाई 8 फीट है। इस घंटी का निर्माण कराने में करीब 25 लाख रुपए लगे हैं। उत्तर प्रदेश का जलेसर घाटियों और घंटों के निर्माण के लिए देशभर में मशहूर है। यहां बने घंटों को देश के कोने-कोने में स्थित मंदिरों में लगाया जाता है। अब राम मंदिर में भी जलेसर की घंटी को प्रभु रामलला के भक्त बजाएंगे।

इन सभी खासियतों के साथ, मंदिर में इस घण्टी को स्थापित करने से सामाजिक और धार्मिक दृष्टि से इसका महत्वपूर्ण योगदान है।

राम मंदिर ऑफिसियल  वेबसाइट :click here

राम मंदिर ट्रस्ट :

राम मंदिर ट्रस्ट एक संगठन है जो भारत में स्थित अयोध्या में भव्य राम मंदिर की निर्माण का कार्य संचालित कर रहा है। इस ट्रस्ट का गठन 5 दिसम्बर 2019 को हुआ था, जिसका उद्देश्य अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाने के लिए समर्थन और निगरानी प्रदान करना है।

राम मंदिर की निर्माण के लिए सार्वजनिक धन संग्रहण के लिए राम मंदिर ट्रस्ट ने अनुदान जुटाने के लिए एक मुद्रा को “श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र निधि” के नाम से शुरू किया है। इसके माध्यम से भारत और विदेशों में लोगों से धन संकलित किया जा रहा है।

राम मंदिर ट्रस्ट का गठन सरकारी अधिसूचना के माध्यम से किया गया था और इसमें विभिन्न स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर के सदस्यों को शामिल किया गया है। इसका उद्देश्य सुनिश्चित करना है कि मंदिर की निर्माण प्रक्रिया विधिवत और सुगमता से हो, ताकि भव्य राम मंदिर का निर्माण समृद्धि और सामरिक एकता की भावना के साथ हो सके।

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